कि ये निरà¥à¤§à¤¨ का डेरा है (Poetry)
The world of communication has changed so much. The writer and reader have never been so closely connected than today – be it Whatsapp, Facebook, other social media, or just an SMS! And so we all keep receiving lots of forwarded messages.
One fine day, I decided to pause and give some thought to one such forwarded poem and the meaning it conveys – so sharing it with you all.. Read every word in detail. (in Hindi)
कोई सोना चढाठ, कोई चाà¤à¤¦à¥€ चढाठ;
कोई हीरा चढाठ, कोई मोती चढाठ;
चढाऊठकà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤à¥‡ à¤à¤—वन ; कि ये निरà¥à¤§à¤¨ का डेरा है ;
अगर मैं फूल चढाता हूठ, तो वो à¤à¤à¤µà¤°à¥‡ का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं फल चढाता हूठ, तो वो पकà¥à¤·à¥€ का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं जल चढाता हूठ, तो वो मछली का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं दूध चढाता हूठ, तो वो बछडे का à¤à¥‚ठा है ;
चढाऊठकà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤à¥‡ à¤à¤—वन ; कि ये निरà¥à¤§à¤¨ का डेरा है ;
अगर मैं सोना चढ़ाता हूठ, तो वो माटी का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं हीरा चढ़ाता हूठ, तो वो कोयले का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं मोती चढाता हूठ, तो वो सीपो का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं चंदन चढाता हूठ, तो वो सरà¥à¤ªà¥‹ का à¤à¥‚ठा है ;
चढाऊठकà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤à¥‡ à¤à¤—वन, कि ये निरà¥à¤§à¤¨ का डेरा है ;
अगर मैं तन चढाता हूठ, तो वो पतà¥à¤¨à¥€ का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं मन चढाता हूठ, तो वो ममता का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं धन चढाता हूठ, तो वो पापो का à¤à¥‚ठा है ;
अगर मैं धरà¥à¤® चढाता हूठ, तो वो करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का à¤à¥‚ठा है ;
चढाऊठकà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤à¥‡ à¤à¤—वन , कि ये निरà¥à¤§à¤¨ का डेरा है ;
तà¥à¤à¥‡ परमातà¥à¤®à¤¾ जानू , तू ही तो है – मेरा दरà¥à¤ªà¤£ ;
तà¥à¤à¥‡ मैं आतà¥à¤®à¤¾ जानू , करूठमैं आतà¥à¤®à¤¾ अरà¥à¤ªà¤£..